हेलो दोस्तों आप सभी का फिर से एक नए लेख में स्वागत है |ट्रक ड्राइवर की हड़ताल से पेट्रोल डीजल की किल्लत फल- सब्जी भी हो सकते हैं महंगे | हिट एंड रन कानून में सजा -जुर्माना का विरोध राजस्थान मध्य प्रदेश बिहार समेत 10 राज्यों से ज्यादा में असर |
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ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर क्यों है ?
देश भर के ट्रक ड्राइवर हिट एंड रन मामले में केंद्र सरकार के नए कानून के प्रावधानों को लेकर सोमवार से हड़ताल पर है | इसकी वजह से विभिन्न राज्यों में पेट्रोल -डीजल ,फल- सब्जी जैसे बेहद जरूरी चीज नहीं पहुंच रही है | जिसके चलते इन सभी के दाम बढ़ गए हैं |
बिहार , मध्य प्रदेश ,राजस्थान समेत 10 राज्यों से पेट्रोल डीजल पंप ड्राइ होने की खबरें हैं| यहां लोगों की लंबी कतारे देखी जा रही है | फल ,सब्जी ,दूध ,कृषि के सामानों की सप्लाई प्रभावित हो रही है ,कई जगह प्रशासन ट्रांसपोर्ट से संपर्क कर आपूर्ति बहाल करवाने में लगा हुआ है |
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ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष अमृतलाल मदान ने क्या कहा ?
ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष अमृतलाल मदान ने कहा कि अभी ट्रांसपोर्टर ने हड़ताल की घोषणा नहीं की है | इस पर फैसला मंगलवार को दिल्ली में होने वाली बैठक में होगा | अभी ड्राइवर खुद-ब-खुद ही गाड़ियां छोड़कर उतर रहे हैं ,और दूसरे ड्राइवर को भी गाड़ियां नहीं चलाने दे रहे हैं |
नए नियम आने से ड्राइवरों में इस बात का डर है कि यह उनके खिलाफ बनाया गया है। यदि नए नियम के अनुसार वो घायल की मदद करने जाते हैं ऐसे में उन्हें भीड़ के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष अमृतलाल मदान का दावा है कि संशोधन से पहले जिम्मेदार व्यक्तियों से सुझाव नहीं लिए गए। इसके अलावा मदान ने यह भी कहा कि देश में एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन प्रोटोकॉल का अभाव है। पुलिस वैज्ञानिक जांच किए बिना ही दोष बड़े वाहन पर मढ़ देती है।
हिट और रन मामला क्या है ?
हिट एंड रन का मतलब है तेज और लापरवाही से गाड़ी चलाने के चलते किसी व्यक्ति या संपत्ति को नुकसान पहुंचाना और फिर भाग जाना। भारतीय न्याय संहिता की धारा 104 में हिट एन्ड रन का जिक्र किया गया है जिसमें ड्राइवर की लापरवाही से पीड़ित की मौत होने पर 10 साल की सजा का प्रावधान है।

हिट एंड रन नया कानून क्या है जाने
इस पर नया नियम क्या आया है?
जिस नियम को लेकर देशभर में बवाल मचा हुआ है वह हाल ही में संसद से पारित तीन नए कानून का हिस्सा है। दरअसल, आईपीसी की जगह लेने वाली भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 104 में हिट एन्ड रन का जिक्र किया गया है। यह धारा लापरवाही से मौत का कारण के लिए दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान करती है।
धारा 104(1) कहती है,’जो कोई भी बिना सोचे-समझे या लापरवाही से कोई ऐसा कार्य करके किसी व्यक्ति की मृत्यु का कारण बनता है जो गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में नहीं आता है, उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास से दंडित किया जाएगा जिसे पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माने के लिए भी उत्तरदायी होगा।’
धारा 104(2) उल्लेख करती है, ‘जो कोई भी लापरवाही से वाहन चलाकर किसी व्यक्ति की मृत्यु का कारण बनता है, जो गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में आता है और घटना के तुरंत बाद किसी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को इसकी सूचना दिए बिना भाग जाता है, उसे किसी भी अवधि के कारावास से दंडित किया जाएगा। जिसे दस साल तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना भी देना होगा।’
पहले हिट एंड रन का कानून क्या था?
भारत में हिट एंड रन के मामले भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत विशेष रूप से दंडनीय नहीं हैं। हालांकि, जब हिट एंड रन मामले का सवाल उठता है तो धारा 279, 304ए और 338 सामने आती हैं।
धारा 279 लापरवाह ड्राइविंग की परिभाषा और सजा का प्रावधान करती है। इसमें कहा गया है कि जो कोई भी किसी भी सार्वजनिक स्थान पर इतनी तेजी से या लापरवाही से वाहन चलाता है कि इससे मानव जीवन को खतरा होता है, या किसी अन्य व्यक्ति को चोट या चोट लगने की आशंका होती है, तो उसे कारावास से दंडित किया जाएगा, जिसे छह महीने तक बढ़ाया जा सकता है या जुर्माना लगाया जा सकता है या एक हजार रुपए या दोनों तक बढ़ाया जा सकता है।
आईपीसी की धारा 304ए में लापरवाही से मौत के लिए सजा का प्रावधान है। यह आईपीसी के तहत एक विशेष प्रावधान है और यह धारा सीधे हिट एंड रन मामलों पर लागू होती है जिसके चलते पीड़ितों की मृत्यु हो जाती है। इसमें कहा गया है कि जो कोई भी लापरवाही से किए गए किसी ऐसे कार्य से किसी व्यक्ति की मृत्यु का कारण बनता है जो गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में नहीं आता है, तो उसे दो साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा।
धारा 338 उस स्थिति में सजा का प्रावधान करती है जब पीड़ित की मृत्यु नहीं हुई हो लेकिन वह गंभीर रूप से घायल हो। इसमें कहा गया है कि जो कोई भी जल्दबाजी या लापरवाही से काम करके किसी व्यक्ति को गंभीर चोट पहुंचाएगा, उसे 2 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा।
विवाद पर सरकार का क्या रुख है?
हाल ही में संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया था कि सरकार ने उन लोगों के लिए सख्त दंड का प्रावधान किया है जो सड़क दुर्घटना करने के बाद मौके से भाग जाते हैं और पीड़ितों को मरने के लिए छोड़ देते हैं। इसके साथ ही गृह मंत्री ने यह भी कहा था कि उन लोगों के लिए कुछ उदारता दिखाई जाएगी जो खुद से पुलिस को सूचित करेंगे और घायलों को अस्पताल ले जाएंगे। हालांकि, भारतीय दंड संहिता में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
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