हेलो दोस्तों आज एक नए लेख में आप सभी का स्वागत है-बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान किया गया, भारत रत्न पाने वाले बिहारीयों का लिस्ट देखेंगे |
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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कर्पूरी ठाकुर पर एक लेख लिखा था | इसके बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कि मुझे इस बात की बहुत प्रसन्नता हो रही है ,कि भारत सरकार ने सामाजिक न्याय के पुरोधा महान जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया है | उनकी जन्मशताब्दी के अवसर पर यह निर्णय देशवासियों को गौरवान्वित करने वाला है | पिछड़ों और वंचितों के उत्थान के लेकर कर्पूरी जी की अटूट प्रतिबद्धता और दूरदर्शी नेतृत्व में भारत के सामाजिक राजनीतिक परिदृश्य पर अमित छाप छोड़ी है | यह भारत रत्न न केवल उनके अतुलनीय योगदान का विनम्र सम्मान है , बल्कि इससे समाज में समर्थ को और बढ़ावा मिलेगा | 23 जनवरी 2024 ई को भारत सरकार ने जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को मरणोपरांत भारत रत्न देने की घोषणा की है |
जननायक कर्पूरी ठाकुर का जीवन परिचय
कर्पूरी ठाकुर (24 जनवरी 1924 – 17 फरवरी 1988) भारत के स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, राजनीतिज्ञ तथा बिहार राज्यके दूसरे उपमुख्यमंत्री तथा दो बार मुख्यमंत्री थे| लोकप्रियता के कारण उन्हें ‘जननायक’ कहा जाता है। २३ जनवरी २०२४ को भारत सरकार ने उन्हें मरणोपरान्त भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की है।
कर्पूरी ठाकुर का जन्म भारत में ब्रिटिश शासन काल के दौरान समस्तीपुरके एक गांव पितौंझिया, जिसे अब कर्पूरीग्राम कहा जाता है, में नाई जाति में हुआ था।उनके पिताजी का नाम श्री गोकुल ठाकुर तथा माता जी का नाम श्रीमती रामदुलारी देवी था। इनके पिता गांव के सीमान्त किसान थे तथा अपने पारंपरिक पेशा बाल काटने का काम करते थे।
कर्पूरी ठाकुर का शिक्षण कार्य
उन्होंने 1940 में मैट्रिक की परीक्षा पटना विश्वविद्यालयसे द्वितीय श्रेणी में पास की। 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन छिड़ गया तो उसमें कूद पड़े। परिणामस्वरूप 26 महीने तक भागलपुरके कैंप जेल में जेल-यातना भुगतने के उपरांत 1945 में रिहा हुए। 1948 में आचार्य नरेंद्र देव एवं जयप्रकाश नारायण के समाजवादी दल में प्रादेशिक मंत्री बने। सन् 1967 के आम चुनाव में कर्पूरी ठाकुर के नेतृत्व में संयुक्त समाजवादी दल बड़ी ताकत के रूप में उभरी। 1970 में उन्हें बिहार का मुख्यमंत्री बनाया गया। 1973-77 में वे लोकनायक जयप्रकाश के छात्र-आंदोलन से जुड़ गए। 1977 में समस्तीपुर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से सांसद बने। 24 जून, 1977 को पुनः मुख्यमंत्री बने। फिर 1980 में मध्यावधि चुनाव हुआ तो कर्पूरी ठाकुर के नेतृत्व में लोक दल बिहार विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरा और कर्पूरी ठाकुर नेता बने।
कर्पूरी ठाकुर सदैव दलित, शोषित और वंचित वर्ग के उत्थान के लिए प्रयत्नशील रहे और संघर्ष करते रहे। उनका सादा जीवन, सरल स्वभाव, स्पष्ट विचार और अदम्य इच्छाशक्ति बरबस ही लोगों को प्रभावित कर लेती थी और लोग उनके विराट व्यक्तित्व के प्रति आकर्षित हो जाते थे। बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में उसे प्रगति-पथ पर लाने और विकास को गति देने में उनके अपूर्व योगदान को सदैव स्मरण किया जाएगा।
उनका प्रसिद्ध नारा था-सौ में नब्बे शोषित हैं,शोषितों ने ललकारा है।धन, धरती और राजपाट में नब्बे भाग हमारा है॥
कर्पूरी ठाकुर जी का राजनितिक जीवन
वह 22 दिसंबर 1970 से 2 जून 1971 तथा 24 जून 1977 से 21 अप्रैल 1979 के दौरान दो बार बिहार के मुख्यमंत्रीपद पर रहे। 26 जनवरी, 2024 को उन्हें मरणोपरांत भारत सरकार द्वारा भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा।
वह जन नायक कहलाते हैं। सरल और सरस हृदय के राजनेता माने जाते थे। सामाजिक रूप से पिछड़ी किन्तु सेवा भाव के महान लक्ष्य को चरितार्थ करती नाई जाति में जन्म लेने वाले इस महानायक ने राजनीति को भी जन सेवा की भावना के साथ जिया। उनकी सेवा भावना के कारण ही उन्हें जन नायक कहा जाता था, वह सदा गरीबों के अधिकार के लिए लड़ते रहे। मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने पिछड़ों को 12 प्रतिशत आरक्षण दिया मुंगेरी लाल आयोग के तहत् दिए और 1978 में ये आरक्षण दिया था जिसमें 79 जातियां थी |इसमें पिछड़ा वर्ग के 12% और अति पिछड़ा वर्ग के 08% दिया था। उनका जीवन लोगों के लिया आदर्श से कम नहीं |
कर्पूरी ठाकुर जी के वह फैसला जो देश में मिसाल बना
देश में पहली बार ओबीसी को आरक्षण दिया
देश के पहले मुख्यमंत्री थे जिन्होंने अपने राज्य में मैट्रिक तक मुफ्त पढ़ाई की घोषणा की थी |
राज्य में उर्दू को दूसरी राजकीय भाषा का दर्जा देने का काम किया |
1967 में पहली बार उपमुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने अंग्रेजी की अनिवार्यता को खत्म किया |
गैर लाभकारी जमीन पर मालगुजारी टैक्स को बंद कर दिया|
मुख्यमंत्री बनते हैं उन्होंने चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी लिफ्ट का इस्तेमाल कर पाए यह सुनिश्चित किया |
आर्थिक रूप से कमजोर स्वर्ण के और महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रावधान किया |
1977 ईस्वी में मुख्यमंत्री बनने के बाद मुंगेरीलाल कमिशन लागू किया | इसके कारण पिछड़ों को नौकरियों में आरक्षण मिला |
भारत रत्न
भारत रत्न ,भारत देश का सर्वोच्च सम्मान है | भारत रत्न की शुरुआत 1954 ईस्वी में किया गया था | भारत रत्न प्राप्त करने वाले प्रथम व्यक्ति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जो भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति थे | इन्हीं के साथ सी राजगोपालाचारी और सीवी रमन को दिया गया था | 23 जनवरी 2024 ई को जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने जाने की घोषणा भारत सरकार के द्वारा किया गया है | जननायक के नाम से मशहूर कर पूरी ठाकुर का संबंध बिहार राज्य से है |
भारत रत्न प्राप्त करने वाले बिहारी व्यक्ति
डॉक्टरविधान चंद्र राय-पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे डॉक्टर विधान चंद्र राय को आधुनिक बंगाल का निर्माता माना जाता है | उनकी याद में हर वर्ष 1 जुलाई को डॉक्टर्स डे मनाया जाता है | 1961 ईस्वी में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था | बंगाल से बिहार 1912 ईस्वी में अलग हुआ था |
डॉ राजेंद्र प्रसाद-डॉ राजेंद्र प्रसाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति बने थे | राजेंद्र प्रसाद ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेकर देश की आजादी में अहम भूमिका निभाई थी |संविधान के निर्माण में भी उल्लेखनीय भूमिका थी | 1962 ईस्वी में भारत रत्न से सम्मानित किया गया और भारत रत्न प्राप्त करने वाले प्रथम राष्ट्रपति भी थे | डॉ राजेंद्र प्रसाद का जन्म सिवान जिला के जीरादेइ नामक गांव में हुआ था |
उस्ताद बिस्मिल्लाह खान-मशहूर शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खान का संबंध भी बिहार से ही था | बिस्मिल्लाह खा ने राग काफी बजाकर आजादी की सुबह का स्वागत किया था | इनका जन्म बिहार राज्य के वर्तमान में बक्सर जिला के डुमरांव में हुआ था | लेकिन कर्मभूमि बनारस रहा | बिस्मिल्लाह खान को 2001 में लता मंगेशकर के साथ भारत रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया था |
लोकनायक जय प्रकाश नारायण-लोकनायक के नाम से देश में प्रसिद्ध जयप्रकाश नारायण को 1999 ईस्वी में भारत रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया था | आजादी के बाद 1977 में भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं के आंदोलन संपूर्ण क्रांति का नेतृत्व किया |
कर्पूरी ठाकुर-जननायक के नाम से मशहूर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लोकप्रिय नेता जननायक कर्पूरी ठाकुर को 23 जनवरी 2024 को भारत रत्न देने की घोषणा की गई है | जननायक कर्पूरी ठाकुर को उनके जन्म दिवस के स्वामी वर्ष पर यह पुरस्कार 24 जनवरी 2024 ई को दिया जाएगा |