आज हम जानेंगे हल्का लड़ाकू विमान तेजस के बारे में | भारत के प्रधानमंत्री ने तेजस विमान में उड़ने के बाद क्या कहा |
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तेजस – यह हल्का लड़ाकू विमान है जिसका निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड कंपनी के द्वारा
किया गया है। भारत में स्वदेशी तकनीक से निर्मित पहला हल्का लड़ाकू विमान है।
इसका नामकरण पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के द्वारा किया गया।
तेजस को भारतीय वायु सेना में शामिल होने से भारतीय वायुसेवा की ताकत भी बढ़ी हैं।
भारतीय वायुसेना दुनिया की तीसरी सबसे शक्ति शाली सेना है।
यह भारत की सबसे हलका लारकू विमान है |इसमे मात्र दो सिट है | इसमे हवा में ही रिफ्युल किया जा सकता है | तेजस और राफेल दोनों के वायु सेना में सामिल होने से भारतीय वायु सेना का शक्ति बहुत बढ़ गया है |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार 25 नवंबर 2023 को बेंगलुरु मे तेजस फाइटर प्लेन में उड़ान
भरा । प्रधानमंत्री उड़ान भरने के बाद बहुत ही उत्साहित लग रहे थे। प्रधानमंत्री का कहना है कि स्वदेशी
तकनीक द्वारा निर्मित तेजस फाइटर प्लेन में सफलतापूर्वक उड़ान भरने का गजब अनुभव रहा | इस उड़ान
से मेरेअंदर देश की स्वदेशी क्षमताओं का भरोसा और बढ़ गया है।
मोदी ने यह भी कहा कि मैं आज स्टेशन तेजस में उड़ान भरते हुए अत्यंत गर्व के साथ कह सकता हूं कि
हमारी मेहनत और लगन के कारण हम आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में विश्व में किसी से कम नहीं है | भारतीय
वायु सेना डीआरडीओ और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ ही समस्त भारतवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी |
तेजस में उड़ान भरने से पहले मोदी बेंगलुरू स्थित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड भी पहुंचे थे |तेजस
सिगंल इंजन वाला हल्का लड़ाकू विमान है वायु सेना में इसके दो स्क्वाड शामिल हो चुका है|
तेजस का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड कंपनी ने किया है |
HAL का मुख्यालय बेंगलुरु में है, इसका स्थापना 1940 में किया गया था |
तेजस – तेजस का निर्माण 1983 ईस्वी में लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट प्रोजेक्ट के तहत शुरू हुआ, 4 जनवरी
2001 को पहली बार तेजस ने आसमान में उड़ान भरी
साइंटिस्ट डॉक्टर कोटा हरिनारायण और उनकी टीम ने इस स्वदेशी लड़ाकू विमान को बनाया है |
2003 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने इस लड़ाकू विमान को तेजस नाम दिया था
2007 नौ सेना के विमान कोटा के लिए तेजस फाइटर जेट बनाने की प्रक्रिया एक बार फिर शुरू हुई|
जॉर्ज फर्नांडीस – एनडीए सरकार में रक्षा मंत्री के रूप में जॉर्ज फर्नांडिस ने22 जून 2003 को लोहगांव वायु
सेवा स्टेशन से SU 30 एम(सुखोई )एमकेआई मेंउड़ान भरा /
एपीजेअब्दुल कलाम– 8 जून 2006 को भारतीय वायुसेवा के सुखोई 30 एमकेआई पर 40 मिनट उडान
भरने वाले पहले राष्ट्रपति थे | उन्होंने सुपर सोनिक गति से उड़ान भरते हुए कॉकपिट में लगभग 40 मिनट समय बिताया था |
प्रतिभा पाटिल– पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने 25 नवंबर 2009 को सुखोई 30 एमकेआई में उड़ान भरने
वाली पहली महिला राष्ट्र प्रमुख बनकर इतिहास रच दिया। उन्होंने74 साल की उम्र में पुणे में वायुसेना
बेस से फ्रंटलाइन सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू जेट विमान में सुपरसोनिक गति के करीब 30 मिनट के
उड़ान के लिए उड़ान भरी।
राजीव प्रताप रूढ़ी – भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूढ़ी 19 फरवरी 2015 को एयरो इंडिया एयरशो के दौरान
सुखोई 30 एमकेआई में उड़ान भरी।
किरण रिजिजू- केंद्रीय मंत्री किरण रिजू ने 2016 में सुखोई 30 एमकेआई विमान में उड़ान भरी थी उन्होंने
पंजाब में भारतीय वायुसेना के हलवारा बेस से सुपरसोनिक जेट में लगभग 30 मिनट तक उड़ान भरी
निर्मला सीतारमण – निर्मला सीतारमण ने बतौर रक्षा मंत्री 17 जनवरी 2018 को राजस्थान में सुखोई 30
एमकेआई में उड़ान भरी थी वह पायलट का जीसूट पहनेऔर पीछे के सीट पर बैठने वाली देश की पहली
महिला रक्षा मंत्री बनी थी।
बहुत ही शानदार जानकारी मिला। Good जॉब
THANKS
bahut badhiya bhai
Bhut hi achha jankari aap ke dawara diya jata hai Thanku
THANKS
Modi Ji is the Best
धन्यवाद
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